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Showing posts from 2015

गूगल चाचा

गूगल चाचा गूगल चाचा,गूगल चाचा,कोई नहीं आपसा अच्छा, आप पर मरता है आज ,हर बूढ़ा,जवान और बच्चा। जब भी कुछ समझ न आए, बस आप ही की तो याद आए, क्योंकी आप ही तो मेरी हर परेशानी को झट से सुलझाएँ, मैं क्या पापा भी आप को देख कर ही गाडी चलाए, मम्मी भी आपको सामने रखकर खाना पकाए। दादा जी हर बीमारी का नुस्खा आप से पूछकर बतलाएँ दादी जी भी आपको पढकर मीठे भजन गुनगुनाए। सब आजकल आपके ही गुणगान गाते जाए, आप हैं तो अपने को अब कोई अकेला न पाए। गूगल चाचा आपके सिवा अब कुछ भी तो न भाए, आप ही तो हम सबके सच्चे दोस्त जो बन पाए। -शालिनी गर्ग

स्वचित्र छडी(SELFIE STICK)

स्वचित्र छडी स्वचित्र छडी का अजब सा चलन है आया, सबको इस छडी ने अपने मोहजाल में फसायाँ। हमने भी एक बार स्वचित्र छडी को आजमाया, मोबाइल निकाला और उसको छडी में चढ़ाया। छडी को दाहिने हाथ से पकडकर आगे बढ़ाया, और बायीं भौंह को थोडा सा हमने ऊपर चढ़ाया। जरा सा मुस्कुराकर बस झट से बटन दबाया, फिर फ़ेसबुक पर उसको अपना प्रदर्शन चित्र बनाया। बस फिर क्या था कमेंटस और लाइक का अंबार था आया, लाइक ने तो धीरे धीरे पूरा शतक ही लगाया, वाह री स्वचित्र छडी ! तू भी क्या चीज़ है कमाल, कर देती है अच्छो अच्छो को अपनी अदा से निहाल। -शालिनी गर्ग

नए साल की सुबह

नए साल की सुबह नया साल है,नई सुबह है, सब कुछ पहला सा,सब कुछवही है, वही ठंडक है, वही धूप है,और वही काम की रफ्तार है कुछ बदला है ,तो बदला है मन मे ये नया एहसास, नए वादो से भरा, नई उमंग और नए जोश के साथ, कुछ नया करने की कोशिश, कुछ पुरानी आदतो से अलविदाकरने का एक छोटा सा ,मगर महत्वपूर्ण कदम, जो है आत्मविश्वास से भरा, पर क्या करू इस दिल का जो मानता ही नही, कुछ भूलता ही नही, बस प्यार से कहता है आज, केवल आज ,कल से जरूर, और जीत जाता है ये दिल, एक बार फिर, उन वादो से, जो किए थे, कसमे खाकर दिसम्बर के आते ही, और करते है बेचारे वादे इंतजार, एक बार फिर नए साल के आने का -शालिनी गर्ग