आजादी का संघर्ष आज वक्त है कर्ज चुकाएँ उनकी उस बलिदानी का, समय आ गया संघर्ष करें हम फिर से नई आजादी का। आजादी के संघर्ष की कहानी फिर से दोहरानी है, इंकलाब की वो आवाज फिर से हमें सुनानी है। राणा जैसे वीरो को आज, हिंदुस्तान पुकार रहा, भगतसिहं जैसा बलिदान,देने वाला चाह रहा। ढूँढ रहा है भारत आज, उस मर्दानी रानी को, गाँधी बापू जैसे सत्य,अहिंसा के पुजारी को। विदेशी बाजारो की गुलामी से देश बचाना है, अपने देश के उत्पादो को जन जन तक पहुचाना है। किसानों की खुशहाली से जब ये धरती लहरायेगी, गरीबी और बेरोजगारी भी कहीं अपना मुँह छुपाएगी। भ्रष्टाचार के कीडे को हम मिलकर आज भगाएँगे, मेहनत और सच्चाई वाली लगन सभी में जगाएँगे। फिरंगी संस्कृति को छोड अपनी संस्कृति अपनानी है, अपनी भाषा सभ्यता की कीर्ती जग में फैलानी है। हर भारतीय के दिल में बैठा, जो वीर सैनानी है, उसको बस आजादी की गाथा याद करानी है। आज वक्त है कर्ज चुकाएँ उनकी उस बलिदानी का, समय आ गया संघर्ष करें हम फिर से नई आजादी का। -शालिनी गर्ग
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