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Showing posts from 2013

एक नारी की ताले के लिए प्रार्थना

एक नारी की ताले के लिए प्रार्थना हे प्रभु मेरी तुझसे बस एक है ये प्रार्थना, कभी किसी औरत को ये दिमाग न तू सोंपना। अगर देना है तो उसमें एक ताला जरूर लगा देना, चाबी जिसकी केवल उसके पति के हाथो में थमा देना। बता देना उसे ये कि इस पर तेरा अधिकार नहीं बेटी, जब जरूरत पडे तो तुम पति से इजाजत माँग लेना । अगर ऑफिस हो जाना या बच्चो को हो पढाना, तब चाबी का इस्तमाल करने से न तुम घबराना । मेरी लाडो मेरी बेटी बस ध्यान हमेशा ये रखना, पति से बात करते वक्त ये ताला भूल मत जाना। सुखी दाम्पत्य जीवन अगर तुमको है निभाना, हमेशा इस ताले को बेटी गर्व के साथ अपनाना। -शालिनी गर्ग

कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान

कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान हिमालय है जिसकी आन, गंगा यमुना है जिसकी शान, और हम सब में बोलती हिन्दी भाषा है जिसकी जान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । वो बारिश में भीगे, फूलों की खुशबू से महके, ठंडी हवा के झोखों में जहाँ, गूंजे शिवा का नाम । कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । कभी भैया से झगडा, कभी बहना से तकरार, कभी मम्मी पापा का लाड़ और दुलार, और हाँ कभी कभी सासु माँ के तानो की तान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । वो हाथों में भरी भरी काँच की चूडियाँ, बालों मे गजरा,माथे पे बिन्दया, पैरो में बजता पायल का छनछान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । मम्मी के हाथों की मक्का की रोटी, दादी के लड्डू मठरी और अचार, और नानी का मीठा गुलकंद का पान, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । वो शादी की मस्ती ,त्योहारों के खान, सखियों संग ठिठोली, चाय के जाम, उस पे बिना खबर के मेहमानो का आन, कैसे भूलू मैं अपना प्यारा हिन्दुस्तान । -शालिनी गर्ग