सबसे महान कौन देखी एक सभा निराली,हर कोई विद्वान । अलग अलग विचार थे, सब में भरा था ज्ञान ।। अपने अपने ज्ञान का था सब में अभिमान, अलग अलग रूप सजा,अलग अलग परिधान। पानी ,नीर, तोय सलील, अंबु और जल, सबसे महान कौन है, निकालना था हल। पहला कहे कहता मैं सत्य सबसे बडा है पानी, पानी से ही रची है सृष्टि की अमर कहानी। पानी से बडा न कोई न पानी के समान, केवल पानी ही देता इस जीवन को प्राण। दूजा कहे जग की मिटाता ये ही केवल पीर, अमृत सा निर्मल करता नाम है बस नीर। ये ही आदि ये ही अनंत केवल इसको जान, नीर नीर कहता चल कर अपना कल्याण। तीजा कहे नाम छोटा पर सबसे ज्यादा बल , तरल भी ये सरल भी ये, ये है अमृत जल। इसका आचमन कर दे पल में जीवन सफल, सुधार सकता ये ही केवल, तेरा आने वाला कल। चौथा कहे बताया देर से ये दोष न देना मोय, निष्कंटक सुगम राह पर ले जाता है बस तोय। मन की तृष्णा बुझाये, पावन भी कर जाये, पाप तुम्हारे सारे पिछले चुटकी में बहा जाये। पाँचवा कहे सुनना मेरी छोटी सी ये दलील, निर्गुण अविनाशी सब में बसता ये तो है सलील। आकार नही है पर ये ही है जग का आधार, बात मेरी मान लो ये ही जीवन का सार। छठा कहे ये सारे छोट...