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Showing posts from March, 2025

कहानी छह अर्जुन के गुरु श्री कृष्ण (भगवद्गीता सरल कहानियाँ)

  कहानी छह अर्जुन के गुरु कृष्ण   आज राहुल के अंदर भी द्वंद्व चल रहा है कि अर्जुन कह तो सब सही रहे है फिर भगवान कृष्ण कैसे अर्जुन को कहते हैं कि युद्ध करना सही होगा क्या होगा आगे, वो तो रात को दादाजी ही बताएँगे। आज राहुल अपना सब काम जल्दी-जल्दी खत्म करके दादाजी के कमरे में आ जाता है राहुल: दादाजी , जल्दी बताइए न , आगे क्या होता है ? दादाजी: ( मुस्कुराते हुए) अरे , पहले मुझे मेरा दूध तो पी लेने दो। आज तो बहुत जल्दी मची हुई है बेटा जी को! राहुल: ठीक है , दादाजी , आप दूध पी लीजिए। (कुर्सी पर बैठकर भगवद गीता के पन्ने पलटने लगता है।) दादाजी: राहुल , अध्याय दो खोलो। राहुल: क्या ? हम अब अध्याय दो पर आ गए , दादाजी ? दादाजी: हाँ , आज से हम अध्याय दो से कहानी सुनेंगे। लेकिन वीडियो शुरू करने से पहले , क्या तुम बता सकते हो कि अर्जुन युद्ध के लिए क्यों मना कर देता है ? राहुल: हाँ , दादाजी! अर्जुन अपने पितामह भीष्म , गुरु द्रोणाचार्य और अपने संबंधियों का वध नहीं करना चाहते। युद्ध होगा तो बहुत सारे सैनिक मरेंगे। समाज की प्रगति रुक जाएगी , बच्चे अशिक्षित रह जाएंगे , च...

कहानी पाँच अर्जुन की दुविधा (भगवद्गीता सरल कहानियाँ)

  अर्जुन की दुविधा राहुल : दादाजी , दादाजी ! मुझे दोनों श्लोक याद हो गए। दादाजी :   वाह , राहुल बहुत बढ़िया ! अब जल्दी बताइए , आगे क्या होता है ? दादाजी पता है , मुझे कल सपने में युद्ध दिखाई दिया था। दादाजी : अभी से राहुल लेकिन अभी तो युद्ध शुरू भी नहीं हुआ राहुल : हुआ नहीं तो आज हो जाएगा , आज आप करा देंगे ना युद्ध शुरू।   तो दादाजी बताओ ना — क्या आज युद्ध शुरू हो जाएगा ? दादाजी : चलो , बैठो। अरे ध्यान से सुनकर तुम ही बताना   कि युद्ध शुरू होगा या नहीं। राहुल : दादा जी युद्ध नही तो वीडियो तो शुरू करें ? दादाजी , मैंने वीडियो ऑन कर दिया। दादाजी : ठीक है , राहुल। अब संजय बता रहे हैं कि युद्ध की शुरुआत से पहले दोनों सेनाओं की ओर से शंख बजाने शुरू हो गये है। पहले कौरवों की ओर से पितामह भीष्म ने शंख बजाया , फिर कृष्ण और पांडवों ने अपने - अपने शंख बजाए। पता है राहुल इन सब योद्धाओं के अपने अलग-अलग शंख होते थे  इनका विशेष नाम भी होता था...